आयुर्वेद में पैरों में जलन के लक्षणों का उपचार
पैरों के तलवे में होने वाली जलन का आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय- आमतौर पर शरीर की गर्मी
और पित्त दोष पर आधारित होता है। यहाँ कुछ आयुर्वेदिक उपचार और दवाइयाँ दी गई हैं,
जो इस समस्या से निपटने में मदद कर सकती है।
1. घरेलू उपचार:
A. नारियल तेल का उपयोग:
नारियल तेल से मालिश करें।
यह ठंडक प्रदान करता है और जलन को कम करता है।ठंड के दिनों में त्वचा को मुलायम रखता है।
B. एलोवेरा जेल:
एलोवेरा जेल को पैरों में लगाएँ।
यह त्वचा को ठंडक पहुँचाता है और सूजन को कम करता है।
C. ठंडे पानी में पैर भिगोना:
10-15 मिनट के लिए ठंडे पानी में पैर भिगोएँ। ठंडी के दिनों में गुनगुना पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
इससे तुरंत आराम मिल सकता है।
2. औषधीय दवाइयाँ:
A.त्रिफला काढ़ा:
दिन में एक बार गुनगुने पानी के साथ त्रिफला काढ़ा लें।
आप भोजन के बाद भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
यह शरीर को डिटॉक्स करता है और पित्त को शांत करता है।
यह पित्त दोष और त्वचा संबंधी समस्याओं में लाभकारी है।
यह ठंडक पहुंचाता है और जलन को शांत करता है।
यह शरीर को डिटॉक्स करता है और पित्त को शांत करता है।
B. सारिवाद्यासव:
डॉक्टर की सलाह के अनुसार इसे आयुर्वेदिक टॉनिक के रूप में लें।यह पित्त दोष और त्वचा संबंधी समस्याओं में लाभकारी है।
C. चंदन पाउडर:
गुलाब जल में चंदन पाउडर मिला कर लगाएँ।यह ठंडक पहुंचाता है और जलन को शांत करता है।
3. जीवनशैली में बदलाव:
A. वसायुक्त और तैलीय भोजन से परहेज करें।B. अधिक पानी पिएं और तरल पदार्थ लें।
C. पैरों को स्वच्छ और सूखा रखें।
4. योग और प्राणायामः
B. पैरों में रक्त संचार बढ़ाने के लिए हल्के योगासन करें।
सारांश-
इसके आलावा आप होमियोपैथी दवा को भी आज़मा सकते है,जो कि सस्ती और फ़ायदेमंद भी है,
इलाज में समय लगता है, लेकिन ये बीमारी को जड़ से खतम कर देता है।
आप आयुर्वेदिक दवाइयाँ भी डाक्टर की सलाह से ले सकते है|
जो की आपको ज़रूर फ़ायदा पहुँचायेगा|
अगर समस्या गंभीर है या लंबे समय से बनी हुई है तो आयुर्वेदिक डॉक्टर से जरूर सलाह लें।