बुखार की कुछ दवाएं और आयुर्वेदिक उपाय
यहाँ और भी कुछ उपाय निम्नलिखित है जिनकी सहायता से आप बुखार को नियंत्रित कर सकते हैं
- तुलसी, नीम, गिलोय और चिरायता के लिए महान मिश्रण आयुर्वेद मे उनके औषधीय गुणों के लिए अच्छी तरह से माना जाता है।
- नीम नीम: इस जड़ी बूटी में रोगाणुरोधी और एंटीपीयरेटिक गुण होते हैं, जो संक्रमण से लड़ने और उन्हें कम करने में मदद कर सकते हैं/
- तुलसी (पवित्र तुलसी) ...
- चिरायता (स्वार्टिया चिराता) ...
- गिलोयटाइफाइड बुखार की दवा- तुलसी
ये भी टाइफाइड बुखार के लिए सबसे बढ़िया घरेलू उपचार है। इसका कई आयुर्वेदिक दवाओं में इस्तेमाल किया जाता है। यह मलेरिया सहित कई बीमारियों को ठीक कर सकती है। टाइफाइड से पीड़ित व्यक्ति इसकी चाय या पानी में उबाल कर या शहद के साथ सेवन कर सकते हैं।
भूख बढ़ाने के उपाय
अदरक का एक छोटा टुकड़ा और काली मिर्च के लगभग 5 दाने लें। इन्हें अपनी चाय में उबालें और गर्म तरल पदार्थ पी लें । बुखार से पीड़ित व्यक्ति को कभी भी जबरदस्ती खिलाने की कोशिश न करें क्योंकि शरीर बुखार से निपटने के लिए संघर्ष कर रहा होता है और भोजन केवल स्थिति को बढ़ा सकता है (व्यक्ति को उल्टी होने की संभावना है)।
शरीर में पानी की कमी न होने दे
ऐसे में आप नारियल पानी का सेवन कर सकते हैं. इससे शरीर हाइड्रेटेड रहेगा और शरीर शरीर में इलेक्ट्रोलाइट बढ़ेगी. बुखार के बाद कमजोर हो चुके शरीर को ताकत देने के लिए आप चिकेन सूप भी पी सकते हैं. चिकेन सूप में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, मिनरिल्स और विटामिन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं.बहुत तेज़ बुखार होने पर क्या करें
चिकित्सक से संपर्क करें: 104 डिग्री बुखार की स्थिति में तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें और उनकी सलाह लें।आराम करें: बुखार के समय आपको आराम करना बहुत महत्वपूर्ण है।तरल पदार्थों का सेवन: तेज बुखार के समय तरल पदार्थों का सेवन करें, जैसे कि पानी, नमकीन लस्सी, जूस आदि।