फंगल संक्रमण:Types of Fungal Infections with Pictures

 फंगल संक्रमण के कारण, प्रकार और लक्षण

फ़ंगल संक्रमण का परिचय:

फंगल संक्रमण, जिसे मायकोसिस (Mycosis) भी कहा जाता है, फंगस द्वारा होने वाले रोग हैं जो शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकते हैं। फंगस एक प्रकार के सूक्ष्मजीव हैं जो हमारे वातावरण में सामान्य रूप से पाए जाते हैं, लेकिन जब यह शरीर में असामान्य रूप से वृद्धि करते हैं, तो संक्रमण का कारण बनते हैं।इन संक्रमणों का प्रभाव हल्के खुजली से लेकर गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं तक हो सकता है। यह संक्रमण त्वचा, नाखून, बाल, और आंतरिक अंगों जैसे फेफड़े और आंखों को प्रभावित कर सकता है। कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में फंगल संक्रमण का खतरा अधिक होता है।, उनके लक्षण और उपचार को समझना ज़रूरी है ताकि समय पर सही इलाज किया जा सके और संक्रमण को फैलने से रोका जा सके|


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फंगल संक्रमण के प्रकार 


1. एथलीट फुट (Tinea Pedis)

यह बीमारी “डरमेटोफ़ाइट फंगस” के कारण होता है,
जिसका लक्षण उँगलियों के बीच लाल, पापड़ीदार और खुजलीदार दाने हो जाते हैं और त्वचा फटने लगता है और कुछ गंभीर मामलों में फफोले और छाले भी पड़ने लगते हैं।

2. रिंगवर्म (Tinea Corporis)

यह बीमारी डर्मेटोफ़ाइट्स फ़ंगस के कारण होता है,जोकि हाथ,पीठ पैर या शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है जिसका आकर गोल रिंग की तरह होता है जिसके बीच में साफ़ होता है और किनारा लाल यानी संक्रमित होता है।

3. कैंडिडायसिस (Yeast Infection)

इस बीमारी का कारण कैंडिडा "एल्बिकन्स फंगस" है जिसकी वजह से जीभ और मुँह में सफ़ेद परत सी हो जाती है।और योनि संक्रमण:जैसे की खुजली,जलन आदि होता है और कुछ मामलो में सफ़ेद पानी भी गिरने लगता है त्वचा संक्रमण:इसकी वजह से त्वचा पर लाल गीले दाने हो जाते है और जलन के साथ-साथ चिपचिपा पन भी बना रहता है।

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4. जॉक इच (Tinea cruris)

इस बीमारी का कारण डर्मेटोफ़ाइट्स नामक फंगस की वजह से होता है 
इस बीमारी के लक्षण जाँघो के अंदरूमी हिस्से में लालिमा,पापड़ीदार दाने,लाल चकत्ते हो जाते है जो की कभी-कभी बहुत ज़्यादा भयानक हो जाते है।
दाने अक्सर कूल्हों और जाँघो तक पूरी तरह से फैल जाते है।

5. नाखून फंगस (Onychomycosis)

इस बीमारी का कारण डर्मेटोफ़ाइट्स या मोल्ड फंगस है इस बीमारी से प्रभावित क्षेत्र हाथ और पैर के नाखून है जो की पीले और मोटे हो जाते है जिसमे दरारें पड़ने लगती है और असामान्य दिखायी देने लगती है और टूटने लगती हैं।

6. स्कैल्प रिंगवर्म (Tinea capitis)

यह बीमारी भी डर्मेटोफ़ाइट्स फंगस के कारण होता है जिससे सिर की त्वचा काफ़ी प्रभावित होती है,जिससे सिर में लाल,सफ़ेद  पपड़ी वाले दाने खुजली,सूजन और बाल झड़ने वाली समस्या हो जाती है और कुछ गंभीर मामलो में मवाद भरे घाव भी हो जाते हैं।

7. एस्पर्जिलोसिस (Aspergillosis)

इस बीमारी की वजह Aspergillus fungus है इस बीमारी से प्रभावित क्षेत्र फेफड़े और साइनस है जिसमे एलर्जिक लक्षण घबराहट और खाँसी आना आदि हो सकता है जिसकी वजह से कुछ गंभीर संक्रमण भी हो सकते है जैसे बुख़ार,सीने में दर्द,सांस लेने में दिक़्क़त हो सकती हैं।

8. स्पोरोट्रिकोसिस (Sporotrichosis)

यह बीमारी Sporothrix schenckii नामक फंगस की वजह से होता है इस फंगस की वजह से हाथों और बाहों में लाल और बैगनी रंग की गाँठे और कभी-कभी अल्सर के लक्षण भी दिखाई देते हैं।

9. फंगल केराटिटिस (Fungal Keratitis)

इस बीमारी की वजह से कोर्निया का फंगल इन्फेक्शन हो जाता है जिसकी वजह से लाल और सूजी हुई आँखें,लाल धब्बे के निशान,धुधला दिखाई पड़ना,आँखों में लालिमा के साथ ही दर्द भी होता है।

शारांश

फंगल संक्रमण आम समस्याओं में से एक है जो गंदगी के कारण होती है यह त्वचा नाखून,बाल,मुंह या शरीर की किसी भी हिस्से में हो सकती है।यह संक्रमण कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली, अधिक नमी या गंदगी के संपर्क में आने से होता है 
फंगल इन्फेक्शन को सही समय पर पहचान कर उसका सही उपचार करके जीवन को स्वस्थ रखा जा सकता है।जिसको कुछ घरेलू उपचार करके अथवा क्रीम लगाकर ठीक किया जा सकता है इसको ठीक रखने के लिए साफ़ सफ़ाई रखना बहुत ज़रूरी है,यदि घरेलू उपचार से सही ना हो तो विशेषज्ञ से ज़रूर संपर्क करें।

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